तिहाड़ जेल के अफसरों ने शुक्रवार को बताया कि निर्भया दुष्कर्म के चार दोषियों में से एक मुकेश ने अंगदान की इच्छा जताई थी। इसके लिए उसने लिखकर भी दिया था। दोषी विनय शर्मा ने जेल सुप्रिटेंडेंट को अपनी बनाई पेंटिंग दी। इसे उसने जेल में ही बनाया था। उसने जेल अधिकारियों से इसे रखने के लिए कहा था। विनय ने परिवार को उसके शव के साथ हनुमान चालीसा और एक फोटो भी सौंपने की इच्छा जताई थी। वहीं, दो अन्य दोषी पवन गुप्ता और अक्षय सिंह ने किसी से कुछ नहीं कहा।
दोनों दोषियों ने यह इच्छा शुक्रवार सुबह 4:45 से 5 बजे के बीच डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट नेहल बंसल के सामने फांसी दिए जाने के 30 मिनट पहले व्यक्त की। तिहाड़ जेल महानिदेशक संदीप गोयल ने बताया, ‘‘चारों दोषियों (मुकेश सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31)) को 5:30 बजे फांसी देने के बाद उनके शव को दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। इसके बाद
उनके शवों को परिजनों को सौंप दिया जाएगा।’’
दोषियों ने बेचैनी में गुजारी रात
अफसरों के मुताबिक, चारों ने शुक्रवार तड़के उठकर अपनी फांसी का इंतजार किया और वे इस दौरान एक दूसरे से मिलना चाहते थे, लेकिन तिहाड़ जेल प्रशासन ने उन्हें इजाजत नहीं दी। जेल के सूत्रों ने कहा कि रात 12 बजे मेरठ से बुलाए गए पवन जल्लाद को पहली बार चारों दोषियों को देखने की इजाजत दी गई, जिन्हें उसे कुछ घंटों बाद फांसी देनी थी। रात के करीब 1 बजे अक्षय ने मुकेश से मिलने की इच्छा प्रकट की, जिसकी इजाजत हेड वार्डन की ओर से उसे नहीं दी गई। जेल के आगे से गुजर रहे पवन जल्लाद की एक झलक उसने देखी और पूछा कि यहां आया यह नया व्यक्ति कौन है? हेड वार्डन ने उसे बताया कि वह स्टाफ का ही अन्य कर्मचारी है।